कौन हूँ मैं...
हाँ.. कौन हूँ मैं...
इसी का तो खोज रहा जवाब,
की कौन हूँ मैं...
क्या मैं वो हूँ,
जिसे उसकी माँ दूर भेजते हुए
अपने आंसू पोछती है...,
और फिर...
कब आएगा मेरा लाल
यही सोचकर उसकी राह तकती है...
क्या मैं वो हूँ,
जिसे उसका बाप कहता है
तुम्हे एक दिन बहुत आगे बढ़ना है...,
और मेरा नाम...
इस दुनिया में रोशन करना है...
हाँ, वही तो हूँ शायद मैं...
हाँ.. हाँ, वही तो हूँ मैं...
पर क्या फायदा ये जानकर
जब चलना है दूसरों की मानकर,
करना तो था कुछ और...
लेकिन सोते रहे चादर तानकर...
लेकिन है भरोसा एक दिन
अपना जहाँ बना बनाऊंगा मैं,
और तभी शायद इसका जवाब
ढूंढ पाऊंगा मैं... की
कौन हूँ मैं...?
कौन हूँ मैं...?
***
(मेरी पहली कविता, जो ०७-अप्रैल-२००४ को रात ९:२० बजे रमन छात्रावास, लखनऊ में लिखी थी.)
हाँ.. कौन हूँ मैं...
इसी का तो खोज रहा जवाब,
की कौन हूँ मैं...
क्या मैं वो हूँ,
जिसे उसकी माँ दूर भेजते हुए
अपने आंसू पोछती है...,
और फिर...
कब आएगा मेरा लाल
यही सोचकर उसकी राह तकती है...
क्या मैं वो हूँ,
जिसे उसका बाप कहता है
तुम्हे एक दिन बहुत आगे बढ़ना है...,
और मेरा नाम...
इस दुनिया में रोशन करना है...
हाँ, वही तो हूँ शायद मैं...
हाँ.. हाँ, वही तो हूँ मैं...
पर क्या फायदा ये जानकर
जब चलना है दूसरों की मानकर,
करना तो था कुछ और...
लेकिन सोते रहे चादर तानकर...
लेकिन है भरोसा एक दिन
अपना जहाँ बना बनाऊंगा मैं,
और तभी शायद इसका जवाब
ढूंढ पाऊंगा मैं... की
कौन हूँ मैं...?
कौन हूँ मैं...?
***
(मेरी पहली कविता, जो ०७-अप्रैल-२००४ को रात ९:२० बजे रमन छात्रावास, लखनऊ में लिखी थी.)
हिंदी ब्लॉग की दुनिया में आपका सादर स्वागत है....
जवाब देंहटाएंलेकिन है भरोसा एक दिन
जवाब देंहटाएंअपना जहाँ बना बनाऊंगा मैं,
और तभी शायद इसका जवाब
ढूंढ पाऊंगा मैं... की
कौन हूँ मैं...?
कौन हूँ मैं...?
Vivek ji,
achchha prayas kar rahe hain ..likhte rahiye.
HemantKumar
AAPKE SAMAST PRAYAAS ACHCHHE HAIN YUN HI LIKHTE RAHIYE KALAM GHISAAYI KARIYE EK DIN AAP BEHTAR SE BEHATREEN LIKHNE LAGENGE
जवाब देंहटाएंnarayan narayan
जवाब देंहटाएं