tag:blogger.com,1999:blog-7818781262927029884.post7520787721875534148..comments2023-10-10T21:01:37.829+05:30Comments on मेरे दो हर्फ़.. बने इक लफ़्ज़..: विकर्षणविवेक मिश्रhttp://www.blogger.com/profile/13646843060586352011noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7818781262927029884.post-37605730878763443142011-04-29T19:42:08.775+05:302011-04-29T19:42:08.775+05:30क्या बात है...
गागर में सागर..देर से आते हो मगर दि...क्या बात है...<br />गागर में सागर..देर से आते हो मगर दिल चुरा कर ले जाते हो..<br />बहुत सुन्दर यार...जल्दी जल्दी लिखो तो हमे और भी मजा आ जाएआशुतोष की कलमhttps://www.blogger.com/profile/05182428076588668769noreply@blogger.com